“अधमा धनमिच्छन्ति धनं मानं च मध्यमा , उत्तमा मानमिच्छन्ति मानो हि महता धनं”।
अर्थात :- संसार में तीन प्रकार के व्यक्ति होते है . पहला अधम (निकृष्ट ) , दुसरा मध्यम ,और तीसरा उत्तम। जो निकृष्ट व्यक्ति होता है वो केवल धन की ही याचना करता है। अधम व्यक्ति मान के लिए नहीं सोचता। धन के लिए कुछ भी कर सकता है। मध्यम प्रकार का व्यक्ति धन और मान दोनों की आकांक्षा करता है और उनको प्राप्त करने ले लिए उत्तम कर्म करता है । मध्यम प्रकार का व्यक्ति वो ही धन चाहता है जिसमे मान भी हो। सम्मान के बिना दिया गया धन वो ग्रहण नहीं करता। उत्तम प्रकार के व्यक्ति सबसे पहल अपने मान की सोचता है। उनके लिए मान ही सर्वोत्तम धन होता है।