महान पुरुष के लक्षण

“उदेति सविता ताम्र ताम्र एवास्तमेति च , सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतां एक रूपताम ”

भावार्थ :- जिस प्रकार से सूर्य उदय और अस्त होते समय एक ही रंग (लाल ) होता है , ठीक उसी प्रकार से महान पुरुष (संत पुरुष ) भी दुख और सुख में भी समान रहते है। अर्थात दुःख में व्यथित और सुख में उग्र न हो कर समान ( शांत ) रहते है।